क्रेडिट स्कोर | Cibil Score| Credit Score|
Credit Score maintain रखना क्यों है इतना ज़रूरी? क्या है इसके फ़ायदे ?
व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री का पता लगाने के लिए क्रेडिट स्कोर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। क्रेडिट स्कोर के अच्छे या खराब होने से बहुत अंतर आता है। चलिए जानते हैं कि इनके लाभ-हानि…
व्यक्ति के लिए क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण होता है। इसके कई लाभ और हानियां होती हैं। किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री की जांच के लिए क्रेडिट स्कोर अत्यंत आवश्यक होता है। अगर आपका क्रेडिट खराब है तो यह आपके लिए कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। वहीं, अच्छे क्रेडिट या सिबिल स्कोर के कई लाभ भी होते हैं।
इसलिए आपको ध्यान देना चाहिए कि आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित रखें। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो ऋण देने वाले को भरोसा होता है कि उसका पैसा सुरक्षित रहेगा। इस प्रकार, आपको ऋण प्राप्त करना भी सरल हो जाता है।
चलिए जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित रखने के क्या लाभ-हानि हैं।
कितना ज़रूरी है क्रेडिट स्कोर ?
क्रेडिट स्कोर को अच्छा या बुरा मानने के लिए कई केटेगरी में विभाजित किया गया है इसकी स्कोरिंग 300 से 900 के बीच में होती है 750 या इससे अधिक का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. वहीं, 300 या उससे कम के क्रेडिट स्कोर को बहुत ही खराब केटेगरी में रखा जाता है।
एक अछे क्रेडिट स्कोर के बेनेफ़िट
यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, (750) तो लोन मिलना बहुत आसान हो जाता है। इसके लिए आपको ज्यादा परेशानी नहीं होती है, क्योंकि क्रेडिट स्कोर की मदद से आपको किसी गारंटर के बिना ही लोन मिल जाता है।
1. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको बिना किसी गारंटर के लोन मिलना सरल हो जाता है। इससे आपको अधिक परेशानी नहीं होती।
2. लम्बी अवधि के लिए लोन प्राप्त किया जा सकता है – यदि आप अधिक राशि का ऋण ले रहे हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म के लिए भी ऋण प्राप्त करने की संभावना हो सकती है, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है।
3. यदि आप अपना क्रेडिट स्कोर अच्छे स्थिति में रखते हैं, तो आपकी लोन अनुरोध की अनुमोदन की संभावना है जल्दी ही आपका काम हो जाएगा।
4. यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेज में डिस्काउंट मिल सकता है।
क्रेडिट हिस्ट्री क्या होती है ?
आप खुद सोचिए यदि आपने किसी निजी व्यक्ति से 50,000 rupay उधार लिए है एक साल के लिए और आपने पैसा वापिस करने में देर या आनकानी कर रहे हो तो क्या वो आपको फिर से पैसे देगा? नहीं! यही होती है क्रेडिट हिस्ट्री। ठीक ऐसे ही बैंक क्रेडिट स्कोर भी चेक करता है। क्रेडिट हिस्ट्री का मतलब आपके पिछले और वर्तमान में वित्तीय लेन देनसे है।
जो भी वित्तीय लेन देन जो आपने अन्य बैंक से किए है वो आपके आधार कार्ड में दर्ज हो जाते हैं। उसे ही क्रेडिट history कहा जाता है ।
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आपका क्रेडिट स्कोर कैसे तय होता है और इसकी क्यों जरूरत होती है? यदि आप ऋण लेने की तैयारी में हैं, तो इन बातों को ज़रूर जान लें।
। आज के समय में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ सेविंग्स के बूते पर आपका काम नहीं चल पाता। घर खरीदते या बनवाते समय, कार खरीदते समय, एजुकेशन के लिए, मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति आदि ऐसे तमाम मौके आते हैं, जब लोगों को बैंक या किसी अन्य जगह से लोन लेने की जरूरत पड़ती है। अगर आप भी लोन लेने का मन बना रहे हैं, तो इसके लिए आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना बहुत जरूरी है।
आर्थिक मामलों की जानकार शिखा चतुर्वेदी बताती हैं कि आपका क्रेडिट स्कोर ही ये तय करता है कि आपको लोन दिया जाना चाहिए या नहीं, या फिर कितना लोन दिया जाना चाहिए. आसान शब्दों में आप समझ सकते हैं कि लोन लेने के लिए आपकी पात्रता को तय करने में आपके क्रेडिट स्कोर का बहुत बड़ा रोल होता है. अगर आप भी लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको क्रेडिट स्कोर से जुड़ी इन बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
कौन तय करता है क्रेडिट स्कोर ?
क्रेडिट स्कोर का ना होना भी लोन लेने में बाधक। कैसे ?
आपके क्रेडिट स्कोर को जारी करने के लिए सभी क्रेडिट ब्यूरो उपयोगी होते हैं। इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियाँ प्रमुख मानी जाती हैं, जिनके पास वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट / क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस होता है। क्रेडिट स्कोर को 300 से 900 के बीच मापा जाता है और आमतौर पर 750 से ऊपर के स्कोर को अच्छा स्कोर माना जाता है।
कैसे अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करें ?
अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के लिए, आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. समय पर लोन की किश्तें चुकाएं: आपको उस किश्त को चुकाने के लिए उस लोन की राशि लेनी चाहिए, जिसे आप समय पर चुका सकें। ईएमआई का भुगतान समय पर करें।
2. क्रेडिट कार्ड का संयम बनाएं: क्रेडिट कार्ड को बहुत ज्यादा इस्तेमाल से बचें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
3. संयमित रहें पर्सनल लोन के मामले में: पर्सनल लोन बहुत ज्यादा न लें। जरूरत पड़ने पर ही लोन लें।
4. लोन की गारंटी देने वाले को चुनें: अपने लोन की गारंटी देने वाले व्यक्ति की निगरानी करते रहें क्योंकि उनके द्वारा की है ग़लत transaction भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करेगी ।
5. छोटा मोटा सामान किस्तों में लेते रहें और उसकी समय पर EMI देते रहे । क्रेडिट कार्ड की payment समय पर देते रहें । इससे आपकी क्रेडिट स्कोर बहुत तेज़ी से ऊपर आएगा।
Credit Score for Loan [FAQ]
Q. 1. क्रेडिट स्कोर क्या होता है?
Ans. क्रेडिट स्कोर एक 3-digit संख्या होती है (300 से 900 के बीच), जो आपकी लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यह बैंक और फाइनेंशियल संस्था तय करती है कि आपको लोन दिया जाए या नहीं।
Q. 2. अच्छा क्रेडिट स्कोर क्या माना जाता है?
Ans. 750 या उससे ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। इससे आपको लोन आसानी से मिल सकता है और ब्याज दर भी कम मिलती है।
Q. 3. क्या खराब क्रेडिट स्कोर पर लोन मिल सकता है?
Ans. हाँ, लेकिन मुश्किल होती है। बैंक आपको या तो अधिक ब्याज दर पर लोन देगा या अस्वीकृत भी कर सकता है। आपको पहले स्कोर सुधारने की सलाह दी जाती है।
Q.4. क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारा जा सकता है?
- समय पर EMI और Credit Card Bill चुकाएं
- ज़्यादा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल न करें
- Credit Limit के 30% से कम ही खर्च करें
- पुराने लोन पूरी तरह चुका दें
Q. 5. मेरा स्कोर कितना है, ये कैसे पता करें?
Q. आप अपना क्रेडिट स्कोर CIBIL, Experian, CRIF High Mark या Equifax जैसी वेबसाइटों पर फ्री में चेक कर सकते हैं। कुछ बैंक और apps जैसे Paytm, PaisaBazaar भी स्कोर दिखाते हैं।