Cibil Score Banking

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Cibil Score क्या है |यह कैसे काम करता है 

बैंकिंग

What is Cibil Score? How it works

 
 

भारत में मंदी की खबरों के बीच जिस चीज की सबसे 

 चर्चा हो रही है। वह Cibil Score से संबंधित है। क्‍योंकि जिन लोगों का सिबिल स्‍कोर अथवा क्रेडिट स्‍कोर कम है। उन्‍हें बैंक लोन नहीं दे रहे हैं।

लिहाजा देश के ऑटो मोबाइल सेक्‍टर में मंदी का भारी दबाव देखा जा रहा है। ऐसे में सभी लोग परेशान हैं कि आखिर Cibil Score अचानक इतना महत्‍वपूर्णं क्‍यों हो गया है।

आज हममें से शायद ही कोई ऐसा व्‍यक्ति होगा जो सिबिल स्‍कोर के बारे में जानना नहीं चाहता होगा। इसलिए आज हम आपको Cibil Score के बारे में विस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं। जिससे आपको पता चलेगा कि सिबिल स्‍कोर क्‍या है और यह लोन लेने में हमारी मदत कैसे करता है?

सिबिल स्‍कोर के जरिये किसी भी देश के नागरिकों अथवा व्यापारिक संस्था से पूर्व में लिये गये सभी ऋण तथा Credit Cards से जुड़े हुये रिकार्डस  (सभी तरह का लेन देन )करके रखे जाते हैं।ताकि इन रिकार्डस का भविष्‍य में इस्‍तेमाल किया जा सके। यह रिकार्डस बैंकों के पास मौजूद रहते हैं।

आप credit card से संबंधित जितना भी लेन देन करते हैं, तथा लोन संबंधी देनदारियों के प्रति जितनी गंभीरता से लेनदेन करते हैं। वह पूरा रिकार्ड Cibil Score का निर्धारण करने वाली agency के पास एकत्रित होता रहता है |

यह सारा रिकार्ड मासिक आधार पर जमा किया जाता है और किसी को पता भी नही चलता है कि आपके द्धारा की जा रही लेनदेन की गतिविधियां रिकार्ड की जा रही हैं।

Cibil Score ( Full Form)

Cibil Score Full Form : Credit Information Bureau of India Limited है।

Cibil Score Model Financial Market में कैसे काम करता है

 
 

Cibil score Model भारत के Financial Market को ज्‍यादा पारदर्शी, तर्कसंगत व अच्छी प्रकार से regulate करता है। यह देश के आर्थिक संस्‍थानों के द्धारा पूरे देश में awareness में मदद करता है |

जिससे देश का बैंकिंग सेक्‍टर ऋण संबंधी अपने जोखिम को बेहतर ढंग से Manage कर पाने में सफल होता है। किसी को लोन देना या ना देना यह बैंक को किसी की Cibil से ही पता चलता है |

Cibil Score कितना होना चाहिए ?

Credit Information Bureau of India Limited के द्धारा 3 डिजिट नंबर दिया जाता है। जो देश के किसी भी नागरिक की Credit History का प्रति‍निधित्‍व करता है।

इस क्रेडिट इनफॉरमेशन को मौजूदा सिद्धांतों के द्धारा गणना करके हासिल किया जाता है। गणना के बाद जो सिबिल स्‍कोर प्राप्‍त होता है, वह  किसी का भी 300-900 की Range के बीच होता है।

आपकी क्रेडिट स्‍कोर अथवा Cibil Score जितना ज्‍यादा होगा। आपको बैंक से लोन मिलने की संभावना उतनी ही अधिक हो जाएगी।

सिबिल स्‍कोर का निर्धारण करने वाली प्रमुख कंपनियां कौन कौन सी हैं?

Which are the major companies determining CIBIL score?

पूरे भारत में इस समय 4 कंपनियां सिबिल स्‍कोर का निर्धारण करती हैं। जिनकी जानकारी आपको नीचे दी जा रही है|

 

Trans Union Cibil Limited – Established in Equifax

Equifax – Established in 2010

Experian – Established in 2006, License issue in 2010

Crif Highmark – Established in 2010

Trans Union Cibil Score कंपनी की विश्‍वसनीयता क्‍या है?

What is the credibility of Transunion Cibil Score company?

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत सबसे पुरानी कंपनी है, जो एक credible सिबिल स्‍कोर प्रदान करती है। इस कंपनी के नाम के कारण ही क्रेडिट स्‍कोर को Cibil Score के नाम से जाना जाता है।

यह कंपनी पूरी दुनिया में ग्राहकों की जानकारियों का सबसे बड़ा रिकार्डस रखने वाली कंपनी है। इस समय ट्रांसयूनियन के पास 550 मिलियन से ज्‍यादा व्‍यक्तियों तथा  व्यापारिक प्रतिष्ठानों के Records मौजूद हैं।

इस कंपनी का उद्देश्य  सभी सेक्‍टर से जुड़े सभी ग्राहकों की जानकारी जुटाना व उनके द्धारा ऋण तथा क्रेडिट कार्ड के जरिये किये जाने वाले भुगतानों के आधार पर प्राप्‍त होने वाले डाटा का analises करना है।

भारत में ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड को आर्थिक साक्षरता बढ़ाने वाली कंपनी के तौर पर भी जाना जाता है। जब से इस कंपनी ने कार्यभार संभाला है बैंकिंग secter से जुड़े सभी लोगों में अवेयरनेस तेजी से बढ़ी है।

Credit score अथवा सिबिल स्‍कोर को कौन कौन से पहलू प्रभावित करते हैं?

Which aspects affect the credit score or CIBIL score?

आपके credit score को मुख्‍य रूप से 4 कारक विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। जिनके बारे में आपको सारी जानकारियां विस्‍तार से दी जा रही है। कृप्‍या इस सेक्‍शन को ध्‍यान से पढ़ें।

1) Credit Limit का अधिक इस्‍तेमाल किया जाना –

आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड के Balance में बढ़ोत्‍तरी होना व चुकता होने के बाद बढ़े हुये भार का इशारा करता है। जो आपके Cibil Score को Negative रूप से प्रभावित कर सकता है।

2) आपके भुगतान का इ‍तिहास –

सिबिल स्‍कोर निर्धारण में आपके भुगतान का इतिहास बहुत महत्‍वपूर्णं भूमिका अदा करता है। यदि आप अपने Loan का समय से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं  bouncing की स्थिति अथवा EMI भुगतान करने में लापरवाही तथा बकाया की स्थिति लंबें समय तक बनी रहना।

जिसकी वजह से अपका सिबिल स्‍कोर नकरात्‍मक रेटिंग देने लगता है। जो बहुत ही चिंता का विषय होता है।

3). क्रेडिट कार्ड व पर्सनल लोन का highest rate 

BankBazaar के डेटा के अनुसार, पर्सनल लोन की दरें 9.89% से लेकर 44% तक हो सकती हैं

तथा SBI के कार्ड: 23% – 48%

HDFC बैंक: 24% – 49%

ICICI बैंक: 22% – 48%

Axis बैंक: 24% – 49% तक credit card केलिए। 

4) एक के बाद एक कई नये bank account खोलना 

 Opening many new accounts one after the other 

यदि आपने हाल ही में कई नये खाते खोले हैं व विभिन्‍न प्रकार के लोन, Credits Cards की मंजूरी मिली है। तो वित्‍तीय संस्‍थान आपके आचरण को भी देखेंगें। यदि आपके लोन का भार बढ़ चुका है तो यह आपके सिबिल स्‍कोर पर नकारात्‍मक प्रभाव डालते है

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यह 3 Digit Number होता है और इसकी Range 300-900 के बीच होती है। ऐसे में आपके‍ Cibil Score में जो नंबर प्रदर्शित हो रहा है, उसके मायने क्‍या हैं?

Credit score अथवा Cibil Score को कौन कौन से पहलू प्रभावित करते हैं?

 
 
 

आपके क्रेडिट स्‍कोर को मुख्‍य रूप से 4 कारक विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। जिनके बारे में आपको विस्‍तार से जानकारी दी जानी आवशक है। कृप्‍या इस सेक्‍शन को ध्‍यान से पढ़ें।

1_ Credit card में Limit का अधिक इस्‍तेमाल किया जाना–

आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड के Balance में बढ़ोत्‍तरी होना व चुकता होने के बाद बढ़े हुये भार का इशारा करता है। जो आपके Cibil Score को Negative रूप से प्रभावित कर सकता है।

2_ आपके भुगतान का इ‍तिहास –

सिबिल स्‍कोर निर्धारण में आपके payment history बहुत महत्‍वपूर्णं भूमिका अदा करता है। यदि आप अपने Loan का समय से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं अथवा EMI भुगतान करने में लापरवाही तथा बकाया की स्थिति लंबें समय तक बनी रहना।

जिसकी वजह से अपका सिबिल स्‍कोर nagative rating देने लगता है। जो बहुत ही चिंता का विषय होता है।

3_ क्रेडिट कार्ड व पर्सनल लोन का उच्‍चतर प्रतिशत–

आटो, होम लोन तथा असंरक्षित लोन आदि के चलते आपके क्रेडिट कार्ड तथा पर्सनल लोन के बीच तालमेल बैठाने से आपके सिबिल स्‍कोर पर Positive प्रभाव पड़ता है।

4_एक से अधिक अकाउंट खोलना –

 
 

यदि आपने हाल ही में कई नये खाते खोले हैं व विभिन्‍न प्रकार के लोन, Credits Cards की मंजूरी मिली है। तो वित्‍तीय संस्‍थान आपके आचरण को भी देखेंगें। यदि आपके लोन का भार बढ़ चुका है तो यह आपके सिबिल स्‍कोर पर नकारात्‍मक प्रभाव डालेगा।

आपका Cibil Score क्‍या कहता है? आइये समझते है –

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यह 3 Digit Number होता है और इसकी Range 300-900 के बीच होती है। ऐसे में आपके‍ Cibil Score में जो नंबर प्रदर्शित हो रहा है, उसके मतलब क्‍या हैं?

किसी Loan की समयावधि आपके Credit Score पर कैसा असर डालती है?

देश के बैंकिंग सेक्‍टर के जरिये जब आप लोन लेते हैं, तो इस बात का अवश्‍य ध्‍यान रखें कि लोन की अवधि लंबी हो।

यदि लोन की अवधि लंबी होती है, तो आप आराम से अपना लोन बैंक को वापस करने में सक्षम हो पाते हैं। जिसकी वजह से आपको सिबिल स्‍कोर पर बहुत ही सकारात्‍मक असर पड़ता है।

Cibil Score को कैसे Calculate करें?

सिबिल स्‍कोर को Calculate करने का एक तरीका होता है, जो इसके बेसिक तत्‍वों तथा नियमों के आधार पर गणना करता है।

सिबिल स्‍कोर calculation के कई Factors होते हैं। जिनके आधार पर आपके सिबिल स्‍कोर की counting की जाती है। इन सभी के बारे में आपको नीचे विस्‍तार से बताया जा रहा है।

1_ सिबिल स्‍कोर कैलकुलेशन में क्रेडिट हिस्‍ट्री का योगदान –

 
सिबिल स्‍कोर की गणना करते समय Credit History को बहुत ही ध्‍यान से देखा जाता है। इसे संपूर्ण गणना में 30% Weightage दिया जाता है।

2 _ आपके क्रेडिट मिक्‍स व अवधि का योगदान –

 
आपके सभी secure तथा insecure लोन आपके पोर्टफोलियो में मौजूद रहते हैं। यह सभी लोन किस अवधि के है? इस बात सिबिल स्‍कोर गणना में 25 प्रतिशत Weightage दिया जाता है।
 

3 _ Recent Credit Behavior का सिबिल स्‍कोर की गणना में योगदान –

सिबिल स्‍कोर की गणना में Recent Credit Behavior के लिये 20 प्रतिशत Weightage दिया जाता है। जबकि Credit Utilization को भी गणना करते समय ध्‍यान मे रखा जाता है।

अपना Cibil Score कैसे ठीक करें

यदि आप देश के वित्‍तीय संस्‍थानों से बिना किसी रूकावट के Loan लेना चाहते हैं तो आपको अपना Cibil Score Better करना होगा। जिसके लिये आप नीचे दिये गये उपायों पर अमल कर सकते हैं।

1. क्रेडिट रिपोर्ट में Errors आ रहे हैं, तो तुरंत सुधार करें –

यदि आपकी Credit History सदैव अच्‍छी रही है। लेकिन अनजान कारणों से आपकी रिपोर्ट में Errors आ रहे हैं। तो आपके सिबिल स्‍कोर खराब होगा
 
ऐसे में आपको अपनी रिपोर्ट चेक करनी चाहिए। यदि आपने अपनी मौजूदा EMI का भुगतान कर दिया है।
 
लेकिन फिर भी Error आ रहा है, तो इसे सही करने का पूरा प्रयास करें। अन्‍यथा आपका क्रेडिट स्‍कोर में बहुत गिरावट दर्ज की जा सकती है।

2 _Credit को Mix करें –

आमतौर पर यह माना जाता है, कि Credit को Mix करना अच्‍छा होता है। जैसे असुरक्षित लोन, क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन तथा सुरक्षित लोन को एक मंच पर लाना जरूरी होता है। क्‍योंकि किसी भी एक प्रकार Loan Excess आपके Cibil Score पर प्रभाव डाल सकती है।

3 _अपने सभी क्रेडिट कार्डस को साफ सुथरा रखें –

 
यदि आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड हैं, तो उनकी सभी बकाया को समय से जमा कर दें। यदि आप सभी बकाया को समय से जमा करते हैं, तो यह आपके अच्‍छे आर्थिक बर्ताव को दर्शाता है।
 
इसके लिये आप अपनी क्रेडिट कार्ड बकाया को Due Date से पहले ही जमा करके Clear कर सकते हैं। आपके ऐसा करते रहने से सिबिल स्‍कोर में सुधार दिखाई देने लगता है।
 

4. अच्‍छा Cibil Score चाहते हैं, तो गारंटर बनने से परहेज करें 

यदि आप अपने लिये अच्‍छी क्रेडिट स्‍कोर रेंज चाहते हैं, तो किसी दूसरे व्‍यक्ति के लोन का गारंटर बनने से परहेज करें।
 
यदि वह व्‍यक्ति जिसने लोन लिया है और आप उसके गारंटर हैं। तो उसके लोन न चुका पाने की स्थिति में आपके सिबिल स्‍कोर पर नकारात्‍मक असर पड़ना तय होगा।

5_ किसी के साथ संयुक्‍त खाता न खुलवायें –

यदि आप अच्‍छा सिबिल स्‍कोर चाहते हैं, तो किसी दूसरे व्‍यक्ति के लिये संयुक्‍त खाता खुलवाने से परहेज करें। क्‍योंकि यह भी आपके सिबि‍ल स्‍कोर पर बुरा असर डालता है।

6_ हमेशा सुरक्षित क्रेडिट कार्ड ही लें –

 
यदि आप क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं, तो ध्‍यान रखें कि वह देश के सबसे अच्‍छे बैंकों में किसी एक का हो। यह बैंक ICICI, SBI तथा AXIS Bank आदि हो सकते हैं। अच्‍छे बैंक का क्रेडिट कार्ड आपके Cibil Score को पहले से अधिक बेहतर बना देता है।
 
 
 
 
 

 

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