How to Settlement your Loan

 Loan Settlement || Loan settlement kaise karen|| kya loan settlement karna sahi hai || kya loan settlement se Cibil down hoti hai || लोन सेटल्मेंट करें या चुकाएँ ||

यदि नहीं चुका पा रहे है लोन तो कैसे करें सेटल्मेंट? क्या है पूरी प्रॉसेस |

 
जब कोई व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो उसे बैंक या लोन देने वाली कंपनी की तरफ से लोन सेटलमेंट की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, बैंक या लोन देने वाली कंपनी द्वारा इंटरेस्ट अमाउंट, पेनेल्टी और अन्य चार्ज में छूट दी जाती है। इन सभी छूट के बाद, जो प्रिंसिपल अमाउंट बचता है, उसे लोन लेने वाले व्यक्ति को चुकाना पड़ता है।
 
लोन सेटेलमेंट के दौरान आपको दो विकल्प मिलते हैं जिसके द्वारा आप बैंक या लोन कंपनी को लोन चुकाने के सक्षम होते हैं। आप चाहें तो इस लोन को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से एक ही बार में पूरा लोन राशि चुका सकते हैं। इसके अलावा, आप चाहें तो लोन राशि को किस्तों में भी चुका सकते हैं।

कोई भी लोन सेटल कब करना चाहिए ?

लोन सेटेलमेंट करने के लिए आपको ठोस कारण होना चाहिए, जैसे कि बिजनेस बंद होना या नौकरी खत्म होना। इन सभी स्थितियों में, आप लोन सेटेलमेंट कर सकते हैं। यदि आपका बिजनेस बंद हो गया है, तो आप अपने लोन को सेटेल करने के लिए बैंक या ऋण दाता संस्था के साथ संपर्क कर सकते हैं। आपको अपने बिजनेस के बंद होने का कारण लिखित में बैंक को देना होगा ।
आपको बैंक में जाकर ये साबित करना होगा की आप आगे की लोन की किस्तें क्यों नहीं चुका सकते ।

लोन सेटल करते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है ?     

लोन सेटेलमेंट के दौरान लोन धारक को कम से कम लोन अमाउंट सेटलमेंट की पेशकश करनी चाहिए, उसे 30% से पे करने की बात करनी चाहिए। दूसरी बात, यहां पर बैंक या प्राइवेट लोन कंपनी आपसे अधिक से अधिक लोन अमाउंट लेने की प्रस्ताव रखेगी। यहां पर आपसे 80% या 70% लोन अमाउंट पे करने के लिए कहेगी, लेकिन आपको यह प्रस्ताव एक्सेप्ट नहीं करना है।
 
आप अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर किसी तरह से बैंक या लोन कंपनी को 50% में लोन सेटेलमेंट करने की कोशिश करनी है। 90% केस में यह सेटलमेंट कंफर्म हो जाता है।
 
लोन सेटेलमेंट पूरा होने के बाद, आपको बैंक या निजी लोन कंपनी से अनुरोध करना चाहिए कि वे आपको लिखित रूप में बकाया लोन सेटेलमेंट का समझौता भेजें। इससे आपको आने वाले किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचाव मिलेगा।

लोन सेटल्मेंट करने में क्या नुक़सान है ?

 
 
यदि आप ऋण समाधान करते हैं, तो आपको ऋण समाधान के कई नुकसान भी झेलने पड़ते हैं। नीचे हम आपको ऋण समाधान के कुछ नुकसानों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
 
  • जब आप लोन सेटेलमेंट करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर 50 से 100 पॉइंट कम हो जाता है।
  • लोन सेटेलमेंट के बाद, आपको किसी भी बैंक या प्राइवेट लोन कंपनी से लोन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
  • लोन सेटेलमेंट का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि आपके क्रेडिट रिपोर्ट में कंपनी द्वारा लोन सेटेलमेंट का उल्लेख किया जाता है, और यह उल्लेख 7 साल तक क्रेडिट रिपोर्ट में बना रहता है।
  • क्रेडिट रिपोर्ट में लोन सेटेलमेंट का उल्लेख होने के कारण, आपको अगले 7 साल तक लोन प्राप्त करना असंभव हो जाता है।

क्या लोन सेटल्मेंट करना उचित है ?

 

 
 
 
 
1. दोस्तों, बहुत सारे लोगों के मन में एक सवाल होता है कि क्या हमें लोन सेटेलमेंट करना चाहिए या नहीं। वास्तव में, लोन सेटेलमेंट करने के कई नुकसान हो सकते हैं। यदि आप लोन सेटेलमेंट करते हैं, तो आने वाले 7 सालों में आप किसी भी प्रकार का लोन नहीं ले सकेंगे।
 
2. यदि आपके पास लोन सेटेलमेंट के अलावा कोई और विकल्प नहीं है, तो आप अपना लोन सेटेलमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा, लोन सेटेलमेंट करने के बाद आप अपने लोन सेटेलमेंट खाते को क्लोज्ड अकाउंट में बदलने का एक विकल्प भी होता है।
 
3. जब आपकी आर्थिक स्थिति बदल जाती है, तो आप बैंक या लोन कंपनी से बात करके उन इंटरेस्ट पेनल्टी और अन्य चार्ज को भुगतान करके सेटलमेंट अकाउंट को क्लोज्ड अकाउंट में बदल सकते हैं। जब आप सेटलमेंट अकाउंट को क्लोज्ड अकाउंट में कन्वर्ट करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे सही होने लगता है।

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लोन सेटल्मेंट होने के बाद civil score कैसे ठीक होगी ?

 
 
 
 
लोन सेटलमेंट के बाद आपका क्रेडिट स्कोर नकारात्मक प्रभावित हो जाता है। यदि आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारना चाहते हैं, तो आप सुरक्षित ऋण लेकर और उसकी ईएमआई को समय पर भुगतान करके क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।
 
आप अपने लिए सुरक्षित ऋण प्राप्त करने के लिए विभिन्न विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। एक विकल्प है गोल्ड लोन लेना। इसके अलावा, आप बैंक में एक फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करके क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। जैसे-जैसे आप गोल्ड लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड का बिल समय-समय पर भुगतान करेंगे, आपका क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे सुधरेगा।

लोन सेटल्मेंट कैसे करें ?

यदि आप किसी बैंक द्वारा लिए गए लोन को नहीं चुका पा रहे हो तो उस लोन का सेटल्मेंट कैसे होगा? प्रॉसेस पूरी करें।
 
  • लोन सेटेलमेंट के लिए बैंक जाएं और अपनी वित्तीय स्थिति का उल्लेख करके लोन सेटेलमेंट के लिए तैयारी करें।
  • बैंक अधिकारी या लोन देने वाली कंपनी को बताएं कि आप लोन की ईएमआई देने में असमर्थ हैं और उनके साथ लोन सेटेलमेंट करना चाहते हैं।
  • बैंक की ओर से आपको 80% लोन सेटेलमेंट की पेशकश की जाएगी, लेकिन आपको कम से कम 30% में लोन सेटेलमेंट की बात करनी है।
  • आप अपनी वित्तीय स्थिति का हवाला देकर 50% में लोन सेटेलमेंट कर सकते हैं।
  • लोन सेटेलमेंट के बाद, बैंक से लिखित समझौता करवाएं ताकि भविष्य में कोई कानूनी समस्या न उत्पन्न हो।

FAQ:  लोग इन प्रश्नों के उत्तर भी चाहते है।

वन टाइम सेटलमेंट का मतलब है कि आप एक बार में प्रिंसिपल लोन राशि जमा करके अपना लोन सेटल कर सकते हैं। इसमें कोई पेनल्टी इंटरेस्ट या अन्य छूट नहीं होती।

वन टाइम सेटल्मेंट लोन क्या होता है? 

लोन लेने वाले और लोन देने वाले बैंक की जिस राशि पर वे दोनो सहमत होते है वो उसे एक ही बार में चुकानी होती है उसे ही ओने टाइम सेटल्मेंट कहा जाता है ।

लोन ना चुकाने पर क्या जेल भी हो सकती है ?

यदि आपका लोन रिपेयमेंट चेक बाउंस होता है, तो बैंक या एनबीएफसी आपके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर सकते हैं, जिससे आपको जेल भी हो सकती है। अगर आप 180 दिनों के बाद भी लोन का भुगतान नहीं करते हैं, तो लोन कंपनी आपके खिलाफ सिविल मुकदमा दायर कर सकती है ताकि वह बकाया लोन राशि, ब्याज और कानूनी खर्चों को वसूल सके।

सेटल्मेंट के बाद cibil कैसे ठीक करें?

जब आप बकाया राशि का भुगतान कर देते हैं, तो अपने पिछले ऋणदाता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Dues certificate) प्राप्त करें और इसे क्रेडिट सूचना एजेंसियों को जमा करें। इसके बाद, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां आपके ऋण खाते की स्थिति को ‘निपटान’ से ‘बंद’ में बदल देंगी। तीन महीने में आपकी civil ठीक हो जाएगी 

बैंक में डिफ़ॉल्टर का मतलब क्या होता है? 

डिफ़ॉल्टर का मतलब है कि जब आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो आप डिफॉल्टर माने जाते हैं। 

भारत में कितना राइट ओफ़ लोन वसूल किया जाता है?

वित्तीय वर्ष 2019 में राइट-ऑफ चरम पर था, जहां 1,83,202 करोड़ रुपये का संचयी ऋण राइट-ऑफ दर्ज किया गया था, वहीं वित्त वर्ष 2023 में ऋण वसूली सबसे अधिक 35,378 करोड़ रुपये थी। बैंक अपने बही-खातों पर एनपीए का बोझ कम करने के लिए ऋण माफ़ी को एक रणनीति के रूप में उपयोग करते हैं।

लोक अदालत में लोन सेटल्मेंट कैसे होता है?

यदि आपको भी लोक अदालत में अपने मामले का निपटारा कराना है तो आप अपने नजदीकी कोर्ट में जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं, यहां आपको एक एप्लीकेशन देनी होगी ।इसके बाद आपका राजीनामा होगा। ऐसे मामलों में दोनों पक्ष सहमत होते हैं और किसी को भी नहीं लगता है कि वो केस हार गए हैं। लोक अदालत में केस का निपटारा काफी तेजी से होता है।

लोक अदालतों में किन किन मामलों को निपटाया जाता है ?

लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य यह है कि विवादों का सुलझाव न्यायालयों के बाहर ही हो सके। इसे जनता की अदालत भी कहा जाता है और यह निष्पक्षता और सरलता के साथ न्याय प्रदान करता है। लोक अदालतों द्वारा संपत्ति की मांग, वित्तीय विवाद और पारिवारिक विवादों जैसे विभिन्न मुद्दों का व्यापक और प्रभावी ढंग से समाधान किया जाता है।

लोन सेटल्मेंट करते समय किन किन बातों का ध्यान रखा जाता है ?

देनदार की इच्छा होती है कि उसे सेटलमेंट के दौरान कम से कम राशि का भुगतान करे  इसलिए उसे कम पेशकश करनी चाहिए। आपको अपनी बकाया राशि का 30% से बातचीत करके शुरू करनी चाहिए। हालांकि, बैंक इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकता है। बैंक आपको सेटलमेंट के लिए 80 प्रतिशत तक की राशि का भुगतान करने का प्रस्ताव दे सकता है।
 
Disclaimer: दोस्तों ये आर्टिकल हमने पत्र पत्रिकाओं, अख़बारों, और अन्य प्रकार केसाधनों द्वारा लिखा गया है, हमारी पूरी कौशिश रहती की आपको सही जानकारी मिले, यदि फिर भी कोई गलती हो सकती है जिसके हम ज़िम्मेदार नहीं है, विस्तृत जानकारी के लिए आप किसी भी बैंक की अधिकारिक वेब्सायट पर जाकर विज़िट करें।
 
 
 
 
 

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